लगातार गायब हो रहे बच्चों के कारण मानखुर्द के निवासियों में रोष, किया स्थानीय थाने का घेराव

2016-06-16-Mum-NBS-Missing-child-4717 जून, 2016 को मुम्बई के मानखुर्द, गोवण्डी के इलाके में गायब हो रहे बच्चों के सवाल को लेकर ‘नौजवान भारत सभा’ ने जनजुटान कर स्थानीय थाने का घेराव किया। वेश्यावृत्ति, अंगों के व्यापार, भीख मँगवाने आदि के लिए देशभर में बच्चे गायब करने वाले गिरोह सक्रिय रहते हैं। पूरे देश में गायब होने वाले बच्चोंे की संख्या के हिसाब से महाराष्ट्र शीर्ष पर है। मुम्बई में भी दक्षिण के पॉश वार्डों की अपेक्षा ईस्ट वार्ड से सबसे ज़्यादा बच्चे गायब होते हैं। पुलिस का रवैया ऐसे मामलों में एकदम लचर रहता है। अमीरों के कुत्ते गायब होने पर भी सक्रिय हो जाने वाली पुलिस गरीबों के बच्चों के गायब होने पर भी अक्सर या तो रिपोर्ट ही नहीं लिखती है या फिर रिपोर्ट के बावजूद कार्रवाई नहीं करती है। गायब बच्चों के माँ-बाप को एक ओर अपने बच्चों के गायब होने का दुख होता है तो दूसरी ओर पुलिस का संवेदनहीन रवैया उनके घावों पर मिर्च छिड़कने का काम करता है।

2016-06-16-Mum-NBS-Missing-child-30मानखुर्द, गोवण्डी के इलाके में भी लम्बे समय से बच्चों को गायब करने वाले गिरोह सक्रिय हैं। इलाके से अनेक बच्चों के गायब हो जाने के बावजूद भी पुलिस आज तक किसी गिरोह का पर्दाफाश नहीं कर पायी है। इलाके में नशे का व्यापार करने वाले तमाम गुण्डा गिरोह भी सक्रिय हैं, जिसके कारण लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की अनेक घटनाएँ होती रहती हैं। लगभग तीन महीने पहले ज्योर्तिलिंगनगर के इलाके से चार साल की एक बच्ची गायब हो गयी थी, बाद में उसकी लाश मिली। पोस्टमार्टम में बलात्कार के बाद हत्या‍ की पुष्टि हुई। पुलिस ने दवाब में आकर एक लड़के को गिरफ़्तार किया पर अब उसे सबूतों के अभाव में छोड़ने की तैयारी चल रही है। इस लड़की के गायब होने से कुछ ही दिन पहले उसी गली से एक दूसरी बच्चीे भी गायब हुई थी पर उसका भी आज तक कोई पता नहीं चला है। इलाके में ऐसे अनेक माँ-बाप हैं जिनकी यही कहानी है। नौजवान भारत सभा ने इसी को लेकर इलाके में पिछले 15 दिन से अभियान चलाया। जिसके बाद यह तय हुआ कि इस मसले पर पहले तो इलाके के स्थानीय मानखुर्द थाने का घेराव किया जाय व बाद में मुम्बई पुलिस के हेडक्वार्टर का। नौजवान भारत सभा की अगुवाई में 17 जून 2016 को लगभग 100 लोगों ने मानखुर्द के ज्योर्तिलिंगनगर से पुलिस स्टेशन तक विरोध मार्च निकाला व बाद में थाने का घेराव किया।

इसके बाद वरिष्ठ पुलिस ‘इंस्पेक्टर’ एन.एच.शेख को मुम्बई पुलिस कमिश्नर के नाम आन्दोलनकर्ताओं ने ज्ञापन भी दिया। आन्दोलनकारियों द्वारा उठाये गये तमाम सवालों का पुलिस अधिकारी ने कोई सन्तोषजनक उत्तर नहीं दिया। “जब बच्चों की देखभाल अच्छे से नहीं कर सकते तो उन्हें जन्म‍ ही क्यों देते हो”, ऐसे संवेदनहीन सवाल गुमशुदा बच्चों के माँ-बाप से पुलिस कैसे कर सकती है, यह पूछने पर पुलिस ‘इंस्पेक्टर’ शेख ने कहा कि पुलिस हवलदार के ऐसे शब्दों की तरफ़ ध्यान मत दीजिये, वरिष्ठ अधिकारी जो बोलते हैं सिर्फ़ उसी की बात कीजिये। जिस चार वर्ष की बच्ची की बलात्कार के बाद हत्या हुई थी, उसकी माँ के साथ भी पुलिस ने अशोभनीय बर्ताव किया था। माँ ने जब यह शिकायत एन. एच. शेख से की तो उन्होंने न्यायाधीश की तरह बर्ताव किया व फैसला दे दिया कि पुलिस तो ऐसा कर ही नहीं सकती।

इलाके में नशे के गैरक़ानूनी व्यापार के बारे में पूछने पर उन्होंने अफसोस जाहिर किया कि “क़ानून में खामियाँ होने की वजह से अपराधियों को कठोर दण्ड नहीं मिलता है व इसी कारण नशे के व्यापार पर रोक लगाना मुश्किल है।”

नौजवान भारत सभा के नारायण खराडे ने बताया कि मासूम बच्ची के साथ बलात्कार व हत्या प्रकरण में पुलिस ने अगले तीन दिन में चार्जशीट दाखिल करने का आश्वासन दिया है। उसके बाद आन्दोलन की अगली दिशा तय की जायेगी। साथ ही पुलिस के असंवेदनशील बर्ताव के बारे में महिला आयोग व मानवाधिकार आयोग के पास भी शिकायत दर्ज करायी जायेगी।

मुक्तिकामी छात्रों-युवाओं का आह्वान,मई-जून 2016

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