अमर शहीदों का पैगाम! जारी रखना है संग्राम!!
नौजवान भारत सभा की नरवाना व कलायत इकाइयों द्वारा काकोरी काण्ड के शहीदों के 88 वें शहादत दिवस के अवसर पर शहीदों को याद करते हुए जनसभा, नुक्कड़ नाटक व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। 19 दिसम्बर को काकोरी काण्ड के शहीदों रामप्रसाद बिस्मिल, अशफ़ाकउल्ला खां और रोशनसिंह का 88वाँ शहादत दिवस था, राजेंद्र नाथ लाहिड़ी का शहादत दिवस 17 दिसम्बर को था। इसी मौके पर नौजवान भारत सभा के द्वारा हमारे इन शहीदों के विचारों को जनता तक भी पहुँचाया गया। नौभास के रमेश ने बताया कि अंग्रेजों के खि़लाफ़ मोर्चा लेने में एच.आर.ए. (हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन) के हमारे इन महान क्रान्तिकारियों ने ज़बरदस्त वीरता दिखायी थी। भगतसिंह भी इन्ही की विरासत को लेकर आगे बढ़े थे। आज बेहद दुःख की बात है कि आज़ादी के 68 साल बाद भी जनता को वो हक-अधिकार नहीं मिल पाये हैं जिनके लिए हमारे महान शहीदों ने अपनी जान की बाजी लगा दी थी। अशफ़ाक-बिस्मिल की दोस्ती आज के समय में हमारे लिए एक मिसाल भी है। उन्होंने साफ़ शब्दों में कहा था कि हिन्दू और मुसलमान की एकजुटता देश की सच्ची आज़ादी की पहली शर्त है। साम्प्रदायिक ताकतों की कारगुजारियों और अंग्रेजों की फूट डालो-राज करो की नीतियों के कारण हमें आधी-अधूरी आज़ादी हासिल हुई। क्योंकि सच्ची आज़ादी वही हो सकती है जहाँ लोगों को शिक्षा-चिकित्सा-रोज़गार जैसी चीजे़ं नसीब हों। नौभास के रमेश ने आगे बताया कि आज एक बार फिर से देश की जनता को समाज को बाँटने वाले तत्व धर्म और जाति के नाम पर बाँटकर अपनी चुनावी रोटियाँ सेंकने में लगे हैं। हमें जनता का भाईचारा कायम करके अपने हक-अधिकारों के लिए एकजुट होना चाहिए। इसी मकसद से हमें अपने शहीदों की विरासत को याद करना चाहिए और उनके विचारों को जन-जन तक ले जाना चाहिए। नौभास के बण्टी ने बताया कि काकोरी के क्रान्तिकारी अंग्रेजों के खि़लाफ़ लड़ते हुए शहीद हुए थे। आज तमाम चुनावी पार्टियाँ और कट्टरपन्थी संगठन हमारे समाज को जात-धर्म के नाम पर बाँटने में लगे हुए है। ये कट्टरपन्थी भड़काऊ भाषण देकर जनता को आपस में लड़वाकर अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेंकते हैं। हमें इनकी राजनीति को समझना चाहिए और आपस में न लड़कर अपने हक-अधिकारों के लिए आवाज़ उठानी चाहिए। यही काकोरी के शहीदों का सपना था जिसको पूरा करने के लिए आज हर इंसाफ़पसन्द छात्र-युवा को आगे आना चाहिए। इस दौरान हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम में गीत, हरियाणवी रागिनी, पंजाबी गीत और ढोंग-पाखण्ड पर नुक्कड़ नाटक आदि का आयोजन हुआ। दोनों जगह ही व्यापक परचा वितरण करते हुए जुलूस निकाले गये तथा काकोरी काण्ड के शहीदों के सन्देश को जन-जन तक पहुँचाया गया। बड़ी संख्या में नौजवानों और आम नागरिकों ने उक्त कार्यक्रमों में भागीदारी की।
काकोरी काण्ड के शहीदों के संकल्पों को पूरा करने के के लिए अवामी एकता सभा व रैली!20 दिसम्बर| नौजवान भारत सभा, हरियाणा, क…
Posted by नौजवान भारत सभा on Sunday, December 20, 2015
नौजवान भारत सभा की नरवाना इकाई द्वारा काकोरी कांड के शहीदों के 88 वें शहादत दिवस के अवसर पर शहीदों को याद करते हुए जनसभा…
Posted by नौजवान भारत सभा on Saturday, December 19, 2015
मुक्तिकामी छात्रों-युवाओं का आह्वान,नवम्बर 2015-फरवरी 2016
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