शहीदे-आज़म भगतसिंह युवा सम्मेलन का आयोजन

आह्वान संवाददाता, हरियाणा

28 सितम्बर, 2012 के दिन जो भगतसिंह का 106वाँ जन्मदिवस पड़ता है, नौजवान भारत सभा व दिशा छात्र संगठन के द्वारा शहीदे आज़म भगतसिंह युवा सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह सम्मेलन हरियाणा के जिला जीन्द के नरवाना नामक कस्बे में सम्पन्न हुआ। नौजवान भारत सभा के स्थानीय संयोजक रमेश खटकड़ के अनुसार भगतसिंह की शहादत के 81 साल बाद उनके गै़र-बराबरी, समतामूल समाज के सपने आज भी अधूरे ही हैं। इन सपनों को आज फिर से देश के नौजवानों के बीच लेकर जाना ज़रूरी ही नहीं बल्कि हमारे अस्तित्व की शर्त भी है। सम्मेलन में करीब 200 नौजवान छात्र-छात्राओं, नागरिकों, बच्चों ने भाग लिया। अन्त में नरवाना के भगतसिंह चौक तक जुलूस निकालकर कार्यक्रम की औपचारिक समाप्ति की गयी।

22 सितम्बर से ही नौजवान भारत सभा व दिशा छात्र संगठन की 10 सदस्य टोली साईकिलों से आस-पास के गाँवों-कस्बों में प्रचार के लिए निकल गयी थी। नौजवान भारत सभा के रोहताश ने बताया कि सम्मेलन का मकसद आज के अन्धेरे दौर में युवाओं के दिलों में भगतसिंह के विचारों की अलख जगाना है। करीब 70-80 कि.मी. के दायरे में नुक्कड़ सभाओं द्वारा व्यापक प्रचार अभियान तथा परचा वितरण किया गया था। अभियान के दौरान जनता ने नौजवान टोली का तहेदिल से स्वागत किया, अपने बीच ही ठहराया तथा अपने दुखःदर्द साझा किए। भगतसिंह के विचारों को पूरा करने के संघर्ष में युवाओं व नागरिकों ने अपना एका प्रदर्शित किया। प्रचार टोली नरवाना से अभियान कि शुरुआत करके ढाकल, हथो, बिदलाणा, शीमला, पिंजूपुरा, कलायत, रामगढ़, चौशाला, बालू, वजीर नगर, जुलानी खेड़ा आदि गाँवों का दौरा करके 27 तारीख को पुनः नरवाना पहुँची। नरवाना में कॉलेजों, आई.टी.आई. पोलीटेक्नीक आदि में युवाओं तक भगतसिंह की बात पहुँचायी गयी।

28 सितम्बर को नरवाना की पब्लिक धर्मशाला में शहीद भगतसिंह जिन्दाबाद, अमर शहीदों का पैग़ाम! जारी रखना है संग्राम!!, भगतसिंह ने दी आवाज़!, बदलो-बदलो देश समाज!! इंकलाब जिन्दाबाद! के गगन भेदी नारों के बीच बच्चे आर्यन द्वारा शहीदे आज़म भगतसिंह की फोटो पर माल्यार्पण के साथ इस सम्मेलन की शुरुआत हुई। विहान सांस्कृतिक टोली द्वारा शहीदों के लिए गीत की प्रस्तुति की गयी। कार्यक्रम के संचालक अरविन्द ने भगतसिंह के राजनीतिक जीवन पर बात रखी तथा उनके संगठनों एच.आर.ए., नौजवान भारत सभा, एच.एस.आर.ए. के बारे में बताया। नौभास के सदस्य रमेश ने अपनी बात में बताया कि मौजूदा व्यवस्था जनता की ज़रूरतों को पूरा नहीं कर सकती। शिक्षा-स्वास्थ्य-रोज़गार लगातार आम आदमी के पहुँच से दूर होते जा रहे है। 28 करोड़ बेरोज़गारों में से करीब 4 करोड़ तो पढ़े-लिखे युवा ही हैं। पिछले वित्त वर्ष में 80 लाख टन अनाज गोदामों में पड़ा-पड़ा सड़ा दिया गया। जबकि हर रोज करीब 9000 बच्चे भूख और कुपोषण से दम तोड़ देते हैं। आज भगतसिंह के विचारों को सत्ता पक्ष के द्वारा दबाया जा रहा है। भगतसिंह के विचार मौजूदा निज़ाम की सेहत के लिए भी उतने ही खतरनाक है, जितने कि वे अंग्रेजों के लिए थे।

दिशा छात्र संगठन की सदस्या शिवानी ने अपनी बात में रखा कि समाज बदलाव के व्यापक प्रोजेक्ट में दलितों, स्त्रियों की भागीदारी बेहद ज़रूरी है। दलितों, स्त्रियों को साथ लेकर ही देश का मेहनतकश आवाम भगतसिंह के सपनों पर आधारित समतामूलक समाज का निर्माण कर सकता है। नौभास के सदस्य अभिनव ने बताया कि कैसे पूँजीवादी व्यवस्था का ख़ात्मा ही व्यापक जनता के जीवन की शर्त है। उन्होंने नौभास के महत्व पर बोलते हुए कहा कि भगतसिंह, सुखदेव, आजाद, और भगतीचरण वोहरा जैसे क्रान्तिकारियों की विरासत को अपनाकर ही व्यापक जनसंघर्षों को खड़ा किया जा सकता है तथा देशी-विदेशी पूँजी की लूट को समाप्त किया जा सकता है। विहान साँस्कृतिक टोली द्वारा बीच-बीच में क्रान्तिकारी गीतों तथा गुरुशरण सिंह के नाटक हवाई गोले के आधार पर देख फकीरे लोकतन्त्र का फूहड़ नंगा नाच नाटक को प्रस्तुत किया गया जिन्हें लोगों ने हर्षमिश्रित करतल ध्वनि  के साथ सराहा। पुस्तक प्रदर्शनी में भी छात्रें-छात्राओं, नागरिकों ने शहीदों के विचारों पर आधारित पुस्तकों में अपनी रूची दिखाई। इसके बाद शहीद भगतसिंह चौक तक एक जूलुस निकालकर कार्यक्रम की समाप्ति हुई।

 

मुक्तिकामी छात्रों-युवाओं का आह्वान, जुलाई-दिसम्‍बर 2012

 

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