किसे चाहिए अमेरिकी शैली की स्वास्थ्य सेवा?
सरकार जिस तरह से जनता की स्वास्थ्य सेवा से हाथ पीछे खींच रही है, उससे सरकार का मानवद्रोही चरित्र साफ़ सामने आता है। स्वास्थ्य का अधिकार जनता का बुनियादी अधिकार है। भारत में स्वास्थ्य का स्तर सर्वविदित है। जिस देश में पहले से ही 55 प्रतिशत महिलाएँ रक्त की कमी का शिकार हों, जहाँ 46 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हों, वहाँ स्वास्थ्य सेवा को बाज़ार की ताकतों के हवाले करने के कितने भयावह परिणाम हो सकते हैं, इसे आसानी से समझा जा सकता है। सरकार के इस प्रस्तावित कदम से भी यह साफ़ हो जाता है कि ऐसी व्यवस्था के भीतर जहाँ हर वस्तु माल होती है, वहाँ जनता की स्वास्थ्य सेवा भी बिकाऊ माल ही है। जिस व्यवस्था का केन्द्र बिन्दु मुनाफा हो उससे आप और कोई उम्मीद भी नहीं रख सकते हैं।