बच्चो को बचाओ! सपनों को बचाओ!
भारत में बच्चों की स्थिति बहुत ही ख़तरनाक है। यहाँ डेढ़ करोड़ बच्चे ऐसे हैं जो बीड़ी, कालीन, कपड़ा उद्योग तथा खनन जैसे खतरनाक उद्योगों में काम करते हैं। उनकी आयु सीमा 5 से 14 वर्ष के बीच की है। इन ख़तरनाक उद्योगों में पैदा होने वाली गर्द, गन्ध, गैसें उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डालती हैं। बीड़ी बनाने, कालीन बुनने, कपड़ों, चूड़ी, काँच के बर्तन आदि की कटाई-रंगाई, खनन, गाड़ियों के ग़ैराज, चाय की दुकानों, ढाबों आदि में बड़े पैमाने पर बच्चों से काम लिया जाता है। हालाँकि ग़ैर-सरकारी संगठनों के मुताबिक यह आँकड़ा ढाई करोड़ तक जाता है।