प्रकाश विहार में क्रान्तिकारी सांस्कृतिक कार्यक्रम से स्मृति संकल्प यात्रा समापन सप्ताह की शुरुआत
21 सितम्बर को स्मृति संकल्प यात्रा समापन सप्ताह की शुरुआत हुई । इस दिन दिल्ली के करावलनगर के प्रकाश विहार नामक मज़दूर बस्ती में नौभास के कार्यकर्ताओं ने एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया । इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में मज़दूरों की ही एक सांस्कृतिक टोली ने नुक्कड़ नाटक और क्रान्तिकारी गीतों की प्रस्तुति की । सफ़दर हाशमी द्वारा लिखित नाटक ‘समरथ को नहीं दोष गुसाईं’ का मंचन हुआ और ‘तोड़ो ये दीवारें’, ‘तोड़ो बन्धन तोड़ो’, ‘रउरा सासना के बाटे ना जबाब’, और ‘बड़ी–बड़ी कोठिया’ जैसे हिन्दी व भोजपुरी क्रान्तिकारी गीतों की प्रस्तुति की गई । इस मौके पर नौजवान भारत सभा और बादाम मज़दूर यूनियन के वक्ताओं ने मज़दूरों को इस बात से वाकिफ़ कराया कि भगतसिंह और उनके साथियों की वास्तविक लड़ाई मज़दूरों के हितों के लिए थी और उस लड़ाई को आज के दौर में आगे बढ़ाने का काम भी मज़दूर ही कर सकते हैं । भगतसिंह आम मेहनतकशों की ही आज़ादी की बात कर रहे थे और वही उनका लक्ष्य था । आज के समय में मज़दूरों का क्रान्तिकारी हरावल दस्ता ही भगतसिंह का सच्चा वारिस हो सकता है ।
मुक्तिकामी छात्रों-युवाओं का आह्वान, अक्टूबर-दिसम्बर 2008
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