महँगाई के मुद्दे पर नौभास ने द्वारा विचार विमर्श चक्र का आयोजन
मौजूदा समय में देशभर में तेजी से बढ़ती महँगाई ने आम जनता का जीना दूभर कर दिया हैं। केन्द्र सरकार के तमाम दावों के बावजूद देशभर में महँगाई कम नहीं हो पा रही है नौजवान भारत सभा ने दिल्ली के करावल नगर में 13 नवम्बर, 2011 को इसी मुद्दे पर एक विचार-विमर्श आयोजित किया गया। शहीद भगतसिंह पुस्तकालय में हुए इस विचार-विमर्श का विषय था. बेलागम होती महंगाई. कारण और समाधान। इस विमर्श में इलाके के छात्रों, नागरिकों और अध्यापकों ने भाग लिया। विमर्श में आये अशोक शर्मा ने कहा कि महंगाई बढ़ने का एक कारण बताया कि विज्ञापनों द्वारा गै़र-ज़रूरी चीजों को अत्यधिक प्रचारित कर माल-अन्धभक्ति पैदा की जाती है और अत्यधिक ज़रूरी बताया जाता है। आठवीं कक्षा के विद्यार्थी रामकुमार का कहना था कि कहीं न कहीं सरकारी नीतियाँ इसके लिए जिम्मेदार हैं। जो धनिक वर्ग से जुड़े कामों पर ज्यादा खर्चा करती है। पर उसकी वसूली सभी लोगों से की जाती है। जैसे दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ खेलों में बेहिसाब खर्चा हुआ, स्वयं दिल्ली की मुख्यमंत्री का कहना था कि खेलों के लिए इतने खर्चें के बाद थोड़ा महँगाई बढ़ना तो लाजिमी है। नौभास के सदस्य नवीन ने बताया कि कई बार मीडिया द्वारा प्रचारित किया जाता है कि जनसंख्या का बढ़ना महँगाई का एक कारण है पर असल में ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया की कुल आबादी की ज़रूरतों से ज्यादा उत्पादन हो रहा हैं लेकिन फिर भी एक अरब आबादी भूखी रहती हैं। जिसका साफ कारण उत्पादन पर नियंत्रण कुछ मुठ्ठीभर लोगों का होना है। नौभास के सदस्य योगेश ने कहा कि महँगाई बढ़ने का असल कारण मुनाफे आधारित हमारी व्यवस्था है और इसके स्थान एक मानवकेन्द्रीत व्यवस्था के लिए तैयारी जुटना ही वास्तव में महँगाई जैसी समस्या से निजात दिला सकता है। दिशा छात्र संगठन के सदस्य सनी ने प्रस्ताव रखा कि महँगाई के असल कारणों को और इसके समाधान को आम लोगों के बीच रखा जाया। इस विमर्श में आये लोगों ने तय किया कि महँगाई के मुद्दे पर इलाके में एक पर्चा निकाला कर उसे करावल नगर इलाके समेत पूरी दिल्ली में वितरित किया जायेगा। रिपोर्ट लिखे जाने तक ‘जनता के लिए महँगाई-पूँजीपतियों के लिए अकूत कमाई’ शीर्षक से पर्चा निकालकर इलाके में नुक्कड़ सभाएँ करते हुए पर्चे का वितरण शुरू हो गया था।
मुक्तिकामी छात्रों-युवाओं का आह्वान, नवम्बर-दिसम्बर 2011
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