शिकागो के शहीद मज़दूर नेता
अल्बर्ट पार्सन्स
जन्म : 20 जून, 1848
मृत्यु : 11 नवम्बर, 1887 को फाँसी
पेशा : प्रिण्टिंग प्रेस का मज़दूर
“हमारी मौत दीवार पर लिखी ऐसी इबारत बन जायेगी जो नफरत, बैर, ढोंग-पाखण्ड, अदालत के हाथों होने वाली हत्या, अत्याचार और इन्सान के हाथों इन्सान की ग़ुलामी के अन्त की भविष्यवाणी करेगी। दुनियाभर के दबे-कुचले लोग अपनी क़ानूनी बेड़ियों में कसमसा रहे हैं। विराट मज़दूर वर्ग जाग रहा है। गहरी नींद से जागी हुई जनता अपनी जंज़ीरों को इस तरह तोड़ फेंकेगी जैसे तूफान में नरकुल टूट जाते हैं।”
अल्बर्ट पार्सन्स
ऑगस्ट स्पाइस
जन्म : 10 दिसम्बर, 1855
मृत्यु : 11 नवम्बर, 1887 को फाँसी
पेशा : फर्नीचर कारीगर
“एक दिन आयेगा जब हमारी ख़ामोशी उन आवाज़ों से ज़्यादा ताक़तवर साबित होगी जिनका तुम आज गला घोंट रहे हो!”
ऑगस्ट स्पाइस
एडॉल्फ फिशर
जन्म : 1858
मृत्यु : 11 नवम्बर, 1887 को फाँसी
पेशा : प्रिण्टिंग प्रेस का मज़दूर
“वह इन्सानियत की मुक्ति के लिए अपनी जान की कुर्बानी देने की इच्छा रखता था और उसे उम्मीद थी कि ऐसा ही होगा। उसे मज़दूर वर्ग की हालत में थोड़े-बहुत सुधार करने वाले उपायों पर ज़रा भी भरोसा नहीं था।”
विलियम होल्म्स
जॉर्ज एँजिल
जन्म : 15 अप्रैल, 1836
मृत्यु : 11 नवम्बर, 1887 को फाँसी
पेशा : खिलौने बेचनेवाला
“एँजिल मज़दूर वर्ग के संघर्ष का एक बहादुर सिपाही था। वह मेहनतकशों की मुक्ति के लक्ष्य के लिए जीजान लड़ा देने वाला बाग़ी था।”
ऑस्कर नीबे
मुक्तिकामी छात्रों-युवाओं का आह्वान, मई-जून 2011
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