“एक सच्चा आदमी रास्ता वहाँ नहीं तलाश करता जहाँ सुख और सुविधा होती है बल्कि वहाँ तलाश करता है जहाँ उसका कर्त्तव्य उसको बुला रहा होता है। और आदमी सही मानों में एक असली आदमी होता है क्योंकि आज का उसका सपना कल कानून बनकर रहेगा, क्योंकि ऐसे आदमी ने इतिहास की उथल-पुथल का अध्ययन किया होता है और उसको पता होता है कि किस प्रकार पुरानी सभ्ताएँ और राजमुकुट संघर्षों की ज्वाला में जलकर राख हो चुके हैं, सदियों से चलते आने वाले रक्त व खून में सने संघर्षों का, बिना किसी अपवाद के एक ही निष्कर्ष है कि भविष्य उनका है जो अपने कर्त्तव्य पर अग्रसर हैं।”
– क्यूबा के महान क्रान्तिकारी-जोस मार्ती
ओ नौजवान,
आज का दिन है तुम्हारे नाम,
उठाओ आवाज़,
अब न थकान हो न गहरी नींद
ये वक़्त है तुम्हारा,
तुम्हारी है यह जगह
न्योछावर करो हम पर अपना हुनर,
अपनी ज़द्दोजहद
हम चाहते हैं कि
मिस्र के नौजवान डटे रहें
हमलावरों और अत्याचारियों के
हर हमले का
मुकाबला करें
– मिस्र के कवि इब्राहीम नाजी (1898-1953)
जब तक लोग अपनी स्वतन्त्रता का इस्तेमाल करने की ज़हमत नहीं उठाते, तब तक तानाशाहों का राज चलता रहेगा, क्योंकि तानाशाह सक्रिय और जोशीले होते है, और वे नींद में डूबे हुए लोगों को ज़ंजीरों में जकड़ने के लिए, ईश्वर, धर्म या किसी भी दूसरी चीज़ का सहारा लेने में नहीं हिचकेंगे।
– वोल्तेयर
“महान काम सामने है, किन्तु करने वालों का टोटा है। चरणों में यह गूंज पहुँचने दीजिए कि टूटी पतवार, फटी बादबान और बिना फल की आशा के यह जर्जर नौका बीच धार में डाल दी गयी है। यह देखते हुए कि बहाव जोरदार है, भंवर बड़े हैं और दो टिमटिमाती लालटेनों के सिवाय साथ में कुछ नहीं है। यदि आप वृद्ध हैं तो परमर्श लेकर, यदि आप युवक हैं तो बल लेकर आइये। इसलिए दौड़िये कि इस नौका में आपका सब कुछ रखा है और यदि आवश्यक है तो इसे डूबने न दीजिए।”
– माखन लाल चतुर्वेदी, (‘कर्मवीर’ के पहले अग्रलेख में, 1920)
मुक्तिकामी छात्रों-युवाओं का आह्वान, जनवरी-फरवरी 2011
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