स्कूल बचाओ अभियान मुस्तफाबाद में ‘नागरिक निगरानी समिति’ का गठन

आह्वान, दिल्ली संवाददाता

दिल्ली के सरकारी स्कूलों के हालात सुधारने व ‘एकसमान स्कूली शिक्षा’ की माँग को लेकर चल रहे ‘स्कूल बचाओ अभियान’ ने मुस्तफाबाद में संघर्षों में जीत प्राप्त की और मुस्तफाबाद इलाके की ‘नागरिक निगरानी समिति’ का गठन किया गया। इस समिति की यह जिम्मेदारी होगी कि यह जाँच कर बतायें कि इस इलाके में चलने वाले दिल्ली नगर निगम स्कूल में सरकार द्वारा तय मानकों (आर.टी.ई., दिल्ली स्कूल एक्ट-1973) का पालन होता है या नहीं। अगर इन मानकों का पालन नहीं होता है तो इसकी शिकायत सम्बन्धित विभाग को भेजी जायेगी। पिछले दिनों 16 जुलाई को भागीरथ विहार में पुनःनिर्माण के लिए दिल्ली नगर निगम का एक प्राथमिक स्कूल बंद कर दिया गया था लेकिन स्कूल प्रशासन ने यह सुनिश्चित नहीं किया था कि अब यह बच्चे किस विद्यालय में पढ़ने जायेंगे। इनमें से अधिकांश बच्चे मुस्तफाबाद इलाके से है। गुस्साए अभिभावकों ने वजीराबाद रोड कुछ समय के लिए जाम कर दिया। ऐसे में प्रशासन ने लोगों को खदेड़ने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल व ‘रेपिड एक्शन फोर्स’ को लाठी-डण्डों के साथ बुला लिया और लोगों को बिना कोई सकारात्मक जवाब दिये ही वहाँ से उठा घर भेज दिया।

‘नौजवान भारत सभा’ को जब इस घटना की सूचना मिली तो संगठन ने तत्काल यहाँ के नागरिकों  को एकजुट करने के उद्देश्य से ‘हमारे बच्चे कहाँ जायें! नगर निगम जवाब दो!!’ शीर्षक से एक पर्चा इलाके में जनसभाएँ करते हुए वितरित किया। अभिभावकों व नागरिकों से अपील की गयी कि विद्यालय बंद होने के विरोध में निगम प्रशासन पर दबाव बनाया जाये। अगले दिन इस मुद्दे पर सैकड़ों लोग इकट्ठा हुए और नौभास की अगुवाई में इलाके के निगम पार्षद के पास अपनी माँगों का ज्ञापन लेकर पहुँचे। इस मसले पर पार्षद द्वारा किसी कार्रवाई करने में असमर्थता जताने पर संगठन ने तय किया कि अब लोगों के साथ मिलकर इस क्षेत्र के नगर निगम कार्यालय का घेराव किया जायेगा। लगभग 250 लोगों का जत्था संगठन की अगुवाई में नगर निगम कार्यालय पहुँचा और क्षेत्र के उपायुक्त को अपनी माँगों का ज्ञापन सौंपा। लोगों के दबाव के चलते ही उपायुक्त ने तत्काल ही घोषणा की कि इन बच्चों को इलाके के दूसरे निगम स्कूल में स्थानान्तरित किया जाता है। इस संघर्ष की बदौलत बच्चों को स्कूल की बिल्डिंग तो मिल गयी पर पता चला कि इस स्कूल में बच्चों को मिलने वाली बुनियादी सुविधाओं (जैसे पीने का पानी, साफ-सफाई, पंखे आदि) का अभाव था। नौभास के नेतृत्च में चल रहे ‘स्कूल बचाओ अभियान’ ने मुस्तफाबाद में एक जनसभा आयोजित कर इस इलाके की ‘नागरिक निगरानी समिति’ का गठन किया। इस समिति ने दिल्ली नगर निगम से एक प्राधिकार पत्र भी प्राप्त कर लिया है। स्कूल बचाओ अभियान की संयोजक शिवानी ने बताया कि जनदबाव के चलते ही यह सुनिश्चित हो पाया है कि हमारे बच्चे किस स्कूल में स्थानान्तरित होंगे। यह हमारे संघर्ष की आंशिक जीत थी। हम लोगों द्वारा बनाई गयी ‘नागरिक निगरानी समिति’ को स्कूल की जाँच करने का अधिकार मिलना हमारे संघर्ष की एक बड़ी जीत है। समिति के सदस्य योगेश ने बताया कि ‘स्कूल बचाओ अभियान’ दिल्ली के अन्य इलाकों में भी इस तरह की निगरानी समितियों का गठन करेगा।

 

मुक्तिकामी छात्रों-युवाओं का आह्वान, जुलाई-दिसम्‍बर 2012

 

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