स्मृति संकल्प यात्रा समापन सप्ताह का आयोजन
मार्ग मुक्ति का गढ़ना होगा! सच्चा मानव बनना होगा!
23 मार्च 2005 को शहीदे–आज़म भगतसिहं, सुखदेव और राजगुरू के 75वें शहादत वर्ष पर आरम्भ की गयी ‘स्मृति संकल्प यात्रा’ का 28 सितम्बर 2008 को भगतसिंह के जन्मशताब्दी वर्ष के समापन और 101वें जन्मदिवस पर समापन कर दिया गया । इस मुहिम के तहत ‘दिशा छात्र संगठन’ और ‘नौजवान भारत सभा’ तथा अन्य कई क्रान्तिकारी जनसंगठन पिछले साढ़े तीन वर्षों से देश के अलग–अलग हिस्सों में भगतसिंह और उनके साथियों के विचारों के प्रचार–प्रसार के लिए तमाम गतिविधियाँ कर रहे थे । इसमें साईकिल यात्रा, पदयात्रा, सांस्कृतिक कार्यक्रम, भगतसिंह के लेखों और उनके विचारों पर आधारित रचनाओं का वितरण, पुस्तक–पोस्टर प्रदर्शनी, विचार–विमर्श चक्र, अध्ययन चक्र, बस अभियान, ट्रेन अभियान आदि शामिल थे । इस दौरान ‘स्मृति संकल्प यात्रा’ की टोली ने लाखों की संख्या में पूरे भारत में क्रान्तिकारी पर्चों का वितरण किया और भगतसिंह के रास्ते पर चलने के लिए छात्रों, नौजवानों और नागरिकों का आह्वान किया । ‘आह्वान’ भी इस मुहिम में शुरू से ही शामिल रहा है और इसकी गतिविधियों से पाठकों को निरन्तर अवगत कराता रहा है । दिल्ली में नौभास व दिशा ने स्मृति संकल्प यात्रा का समापन सप्ताह (21–28 सितम्बर) आयोजित किया जिसमें कई कार्यक्रम किये गये । इस मुहिम के समापन के साथ ही एक महत्वपूर्ण पड़ाव तक यात्रा पूरी हुई है और आगे की यात्रा को और जोशो–ख़रोश से आगे बढ़ाने का संकल्प लिया गया है । –सम्पादक
‘आह्वान’ के सभी पाठक ‘स्मृति संकल्प यात्रा’ से भली–भाँति परिचित होंगे । हम विगत अंकों में इस यात्रा से सम्बन्धित सभी रपटें प्रकाशित करते रहे हैं । जो पाठक इस मुहिम से वाकिफ़ नहीं हैं उन्हें हम बताना चाहेंगे कि ‘दिशा छात्र संगठन’ और ‘नौजवान भारत सभा’ तथा कुछ अन्य बिरादर संगठन पिछले साढ़े तीन साल से एक व्यापक अभियान चला रहे थे । इसी अभियान को स्मृति संकल्प यात्रा का नाम दिया गया था । यह अभियान 23 मार्च 2005 को भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरू के 75वें शहादत वर्ष के आरम्भ के अवसर पर शुरू किया गया था । इस अभियान का समापन गत 28 सितम्बर को करीब एक दर्जन संगठनों के लगभग 250 कार्यकर्ताओं, मज़दूरों, छात्रों, नौजवानों और बुद्धिजीवियों की मौजूदगी में और भगतसिंह और साथी क्रान्तिकारियों की याद में गगनभेदी नारों के साथ किया गया । इन साढ़े तीन वर्षों के दौरान दिशा और नौभास ने देश के विभिन्न हिस्सों में साईकिल यात्राओं, पद यात्राओं, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, पर्चा वितरण, पुस्तक प्रदर्शनी, पोस्टर प्रदर्शनी, झाँकियों, गोष्ठियों, विचार–विमर्श चक्रों, अध्ययन चक्रों और जुलूस आदि का आयोजन किया । इस पूरी यात्रा का मकसद था भगतसिंह और उनके साथियों की विचारधारा को जनता की बीच ले जाना और महज़ बहादुर क्रान्तिकारियों के रूप में बनी उनकी छवि के साथ–साथ गम्भीर चिन्तक की उनकी छवि को स्थापित करनाय साथ ही, इस यात्रा का मकसद यह था कि उन भूले–बिसरे सपनों और अभियानों को फिर से जीवित किया जाय और व्यापक छात्र–युवा आबादी के साथ ही साथ आम जनसमुदायों को भगतसिंह के विचारों को लागू करने की इस मुहिम का हिस्सा बनाया जाय ।
इस यात्रा का समापन 28 सितम्बर 2008 को किया जाना था । इस अवसर पर स्मृति संकल्प यात्रा से जुड़े सभी संगठनों ने दिल्ली में स्मृति संकल्प यात्रा के समापन सप्ताह का आयोजन किया । इस सप्ताह में पूरी दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया ।
मुक्तिकामी छात्रों-युवाओं का आह्वान, अक्टूबर-दिसम्बर 2008
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