चन्द्रशेखर आज़ाद के जन्मदिवस (23 जुलाई) के अवसर पर
दिशा छात्र संगठन और नौजवान भारत सभा – इलाहाबाद इकाई की ओर से ‘हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन’ के कमाण्डर-इन-चीफ़ अमर शहीद चन्द्रशेखर आज़ाद के जन्मदिवस के अवसर पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ भवन स्थित शहीद लालपद्मधर की प्रतिमा से आज़ाद पार्क स्थित आज़ाद की प्रतिमा तक जुलूस निकाला गया और चन्द्रशेखर आज़ाद पार्क में सभा की गयी। नौजवान भारत सभा एवं दिशा छात्र संगठन की बिहार इकाई द्वारा पटना के कुर्जी इलाके में साइकिल यात्रा निकाली गयी। दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में 23 जुलाई से 31 मार्च तक 9 दिवसीय ‘शहीद स्मृति अभियान’ चलाया गया। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, अम्बेडकरनगर, चित्रकूट, उरई, गाजीपुर आदि तथा हरियाणा और महाराष्ट्र के विभिन्न इलाकों में चन्द्रशेखर आज़ाद की याद में विविध कार्यक्रम आयोजित किये गये।
चन्द्रशेखर आज़ाद की ब्रिटिश उपनिवेशवादियों से बहादुरी भरी लड़ाई और उनकी शहादत से देश के सभी लोग परिचित हैं। लेकिन जिस समाज को बनाने के लिए आज़ाद और उनका संगठन लड़ रहा था उससे देश की बहुत बड़ी आबादी परिचित नहीं हैं। आज़ादी के बाद सत्ता में आये भूरे साहबों ने क्रान्तिकारियों के विचारों को जनता के बीच जाने से रोकने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगाते रहे हैं। 23 जुलाई की सुबह जब दिशा और नौभास के कार्यकर्ता जब इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ भवन पर पहुँचे तो वहाँ पहले से ही भारी संख्या में पुलिस फोर्स इकठ्ठा हो गयी थी। यह पूरी स्थिति क्रान्तिकारियों के विचारों से सत्ताधारियों के ख़ौफ़ को दिखाती है। साम्प्रदायिक फ़ासिस्ट लुटेरों एवं तमाम बुर्ज़ुआ पार्टियों के नेताओं ने चन्द्रशेखर आज़ाद की विरासत को विस्मृति के अंधेरे में धकेल देने के लिए एक नयी तरक़ीब अपनायी है। उन्होंने चन्द्रशेखर आज़ाद को एक बहादुर नायक के तौर पर पेश कर उनकी मूर्तियाँ लगवा दी और उन्हें हमारे लिए महज एक पूज्य वीर क्रान्तिकारी बना दिया। उनकी तस्वीरों के सामने हर 23 जुलाई और 27 फरवरी को अगरबत्तियां जला दी जाती है! उन्हें श्रद्धांजलि दे दी जाती है! हार पहना दिये जाते हैं! लेकिन इन सवालों पर पर्दा डाल देती हैं कि उनके विचार क्या थे? वह कैसे समाज के लिए लड़ रहे थे? क्या वह महज अंग्रेज़ी ग़ुलामी के ख़िलाफ़ लड़ रहे थे? आज़ादी से उनका आशय क्या था? इन विस्मृतियों के विरुद्ध आज़ाद के विचारों को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से नौजवान भारत सभा और दिशा छात्र संगठन की टीमें देश के विभिन्न इलाकों में विविध कार्यक्रम आयोजित कर रही हैं।
मुक्तिकामी छात्रों-युवाओं का आह्वान, जुलाई-अगस्त 2021
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