नोएडा में स्मृति संकल्प यात्रा के तहत सघन अभियान
नोएडा। नौजवान भारत सभा ने शहीदे आजम भगत सिंह के जन्म शताब्दी वर्ष के मौके पर ‘स्मृति संकल्प यात्रा’ को नोएडा के घने मजदूर इलाके सेक्टर 8, 9, 10, तथा 16 की झुग्गियों, हरौला, चैड़ा, बिशुनपुर, मंगेल आदि गाँवों में तथा मुख्य रूप से खोड़ा कालोनी में केन्द्रित किया। क्रान्तिकारी गीत गाते हुए तथा जगह–जगह नुक्कड़ सभायें करते हुए सघन रूप से क्रान्तिकारी साहित्य और पर्चों का वितरण किया गया।
अभियान की शुरुआत सुबह 6 बजे से खोड़ा में बन्दना इंक्लेव से हुई। शुरुआत में प्रभात फेरी में मजदूरों को आहवान करती गीत ‘तोड़ो ये दीवारें, भर दो अब ये गहरी खाई’ तथा ‘धरती को सोना बनाने वाले भाई रे’, गाये गये। बीच–बीच में नारे लगाए जा रहे थे-‘भगतसिंह की बात सुनो। नई क्रान्ति की राह चुनो।।’ ‘भगत सिंह का सपना आज भी अधूरा! मेहनतक़श और नौजवान उसे करेंगे पूरा!!’ जिधर से नौजवानों का जत्था गुजरता लोग अपने दरवाजे़ से बाहर आकर गीतों को ध्यान से सुन रहे थे।
आगे चलकर नुक्कड़–नुक्कड़ सभाओं में वक्ताओं ने कहा कि आज देश में आजादी के 60 वर्ष बाद मुट्ठी भर लोग सारे संसाधनों पर कब्जा जमाए बैठे हैं। बाकी देश की मेहनतकश आबादी को 12 घंटे से 18 घंटे खटना पड़ता हैं ताकि उनका गुजर–बसर हो सके। क्या इसी आजादी के लिए हमारे शहीदों ने कुर्बानियाँ दी थी। ?
दोपहर में खोड़ा मकनपुर गाँव में अभियान टीम को भोजन कराने के लिए मजदूरों में होड़ मच गयी। लोग बढ़कर नौजवानों का स्वागत करते और न सिर्फ पर्चे और साहित्य लेते बल्कि पूरे अभियान को आर्थिक सहयोग भी करते।
सेक्टर 8, 9, 10 की झुग्गियों की सँकरी गलियों से जब कारवाँ गुजरा तो पहले लोग समझे कि लगता है कि किसी चुनावी पार्टी का प्रचार है लेकिन जल्द ही लोग भाँप गये कि यहाँ अलग कुछ हो रहा है। वहाँ पर बर्टोल्ट ब्रेष्ट का गीत-‘गर थाली आप की खाली है तो सोचना होगा कि खाना कैसे खाओगे ?’ को मजदरों ने खूब सराहा। वहाँ पर वक्ताओं ने अपनी बातों में कहा कि इस आजादी में किसको क्या मिला है, यह इसी नोएडा में दो दुनियाओं के अन्तर से देखा जा सकता है। एक तरफ जीवन की अन्तिम शर्तां पर लोग जीने को मजबूर हो रहे हैं, दूसरी तरफ विलासिता से भरी जि़न्दगियाँ हैं।
शाम को सप्ताहिक बाजारों में नुक्कड़ सभाओं में सघन रूप से पर्चा वितरण किया गया। सभाओं में सबसे ज़्यादा युवा मजदूर भाग ले रहे थे। और साथ–साथ कई मजदूरों ने बढ़कर अपने पते दिए ताकि अगले कार्यक्रम में उनको भी सूचना हो सके और उनकी भागीदारी हो सके।
सभाओं में टीम से युवा मजदूरों से सीधे आहवान किया कि दलाल ट्रेड यूनियनों से कोई उम्मीद नहीं पालनी चाहिए। ये सभी यूनियनें किसी न किसी चुनावबाज पार्टी से जुड़ी हैं। नौजवानों को शहीदेआजम भगतसिंह के विचारों के आलोक में इलाकाई पैमाने पर संगठित होने की जरूरत है और व्यापक सामाजिक परिवर्तन की लड़ाई से जुड़ने की जरूरत है। क्योंकि नौजवान ही किसी कौम के कर्णधार हुआ करते हैं।
रिपोर्ट लिखे जाने तक अभियान ग्रेटर नोएडा के मजदूर इलाके में जारी है।
आह्वान कैम्पस टाइम्स, जुलाई-सितम्बर 2006
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