‘शहीद भगत सिंह की विचारधारा और आज का समय’ पर गोष्ठी
17 सितम्बर 2006, लुधियाना – 28 सितम्बर 2006 से शहीद भगत सिंह की जन्मशताब्दी की शुरुआत के सन्दर्भ में नौजवान भारत सभा की पखोवाल इकाई ( जिला लुधियाना) द्वारा एक गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका विषय था-शहीद भगत सिंह की विचारधारा और आज का समय। गोष्ठी का प्रारम्भ शहीद भगत सिंह यादगारी प्रकाशन के संचालक सुखविंदर द्वारा किया गया। उन्होंने अपनी बात मुख्य तौर पर शहीद भगत सिंह की विचारधारा पर केन्द्रित करते हुए नौजवानों को विस्तार से बताया कि किस प्रकार चापेकर बंधुओं से शुरू होकर क्रांतिकारी आन्दोलन ने अनुशीलन समिति और गदर लहर से गुजरते हुए शहीद भगत सिंह के विचारों तक अपना सफ़र तय किया। और एक सच्चा क्रान्तिकारी मुक़ाम हासिल किया। उन्होंने बताया कि गदरी क्रान्तिकारी भारत में अंग्रेज हुक्मरानों को भगाकर जो जनवाद यहाँ स्थापित करना चाहते थे वो दरअसल अमेरिका की तर्ज़ का पूँजीवादी जनवाद था। लेकिन शहीद भगत सिंह के विचारों के रूप में क्रांन्तिकारी आंदोलन ने समाजवादी जनवाद को अपने लक्ष्य के रूप में स्वीकार किया। इसके अलावा उन्होंने उस वक़्त की राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय परिस्थितयों का जिक्र किया जिनमें भगतसिंह जैसा क्रान्तिकारी पैदा हुआ। इनके बाद नौभास के लखविंदर ने वर्तमान समय में शहीद भगत सिंह की विचारधारा की प्रासंगिकता पर बोलते हुए कहा कि शहीद भगतसिंह व्यापक मेहनतक़श जनता की आज़ादी चाहते थे, न कि टाटा–बिरला जैसे चन्द अमीर लोगों की। देश में बढ़ती आर्थिक गैर–बराबरी, बेरोज़गारी, लोगों द्वारा अपनी बुनियादी जरूरतों को भी पूरा न कर पाना, आदि का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह समाज शहीद भगतसिंह के सपनों का भारत नहीं है। उन्होंने नौजवानों को शहीद भगतसिंह की विचारधारा, दृढ़ता और कुर्बानी से प्रेरणा लेने के लिए कहा। मनुष्य के जीने के लायक, भगत सिंह के सपनों का समाज बनाया जा सकता है। इसके साथ ही नौभास के पंजाब के संयोजक अजयपाल ने नौजवानों से कहा कि शहीद भगतसिंह को उनके सही रूप में जानना चाहिए क्योंकि शहीद भगतसिंह को हमेशा ही एक उग्रवादी क्रान्तिकारी के रूप में पेश किया गया है। जो कि एक झूठा प्रचार है। और भी कई नौजवान साथियों ने अपने विचार रखे। कई नए नौजवानों ने शहीद भगत सिंह के विचारों और उनके जीवन से प्रभावित होकर नौजवान भारत सभा के साथ मिलकर इस मिशन में भाग लेने की बात कही। इसके अलावा साथी राजविंदर, साथी दशरथ और साथी सर्बजीत द्वारा क्रान्तिकारी गीत पेश किये गये।
आह्वान कैम्पस टाइम्स, जुलाई-सितम्बर 2006
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