हरियाणा में बिजली के बढ़े हुए दामों के विरोध में नौभास का प्रदर्शन!

हरियाणा के नरवाना में 14 अक्टूबर को नौजवान भारत सभा के बैनर तले बिजली के बढ़े हुए दामों के मसले पर विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया तथा तमाम इलाकों में इस मुद्दे पर परचा वितरण किया गया। शहर भर से आम आबादी बड़ी संख्या में उक्त प्रदर्शन में शामिल हुई। नौभास हरियाणा के संयोजक रमेश खटकड़ ने बताया कि हरियाणा में पिछले एक साल के अन्दर बिजली के दामों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी हुई है। अलग-अलग मदों में की गयी दामों की बढ़ोत्तरी 30 से 100 प्रतिशत तक की है। ध्यान रहे यह वही भाजपा है जो दिल्ली में चुनाव से पहले 30 प्रतिशत बिजली के दाम कम करने की बात करती रहती थी। मोदी-खट्टर चुनाव में शोर मचा रहे थे ‘बहुत हुई महँगाई की मार, अबकी बार मोदी सरकार’। लेकिन सत्ता में आने के बाद भाजपा सरकार ने महँगाई के सारे रिकार्ड ध्वस्त कर दिये हैं। मोदी सरकार ने डेढ साल में ही रेल किराये में 14 प्रतिशत बढ़ोत्तरी कर दी, सभी वस्तुओं व सेवाओं पर सेवा कर को 14.6 प्रतिशत तक बढ़ा दिया। साथ ही दालों से लेकर प्याज के रेट आसमान छू रहे हैं। आज महँगाई की मार ने मध्यमवर्ग की आबादी की भी कमर तोड़ दी है ग़रीबों की तो बिसात ही क्या है। अब जले पर नमक छिड़कते हुए बिजली के दामों को बढ़ाकर जनता की जेबों पर सरेआम डाकेजनी करने का काम खट्टर सरकार ने किया है। वैसे तो सभी सरकारों ने जनता की शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी बुनियादी ज़रूरतों को बाजार की अन्धी ताकतों के हवाले करने का काम किया है। अब भाजपा की सरकार इस प्रक्रिया को और भी तेज़़ कर रही है। नरवाना शहर के लोग बिजली, ‘सीवरेज’, साफ-सफाई, स्वच्छ पेयजल आदि से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं लेकिन सरकार की तरफ से केवल सूखी बयानबाजी ही हो रही है। प्रदेश की जनता सरकार के द्वारा बिजली के दामों में की गयी बढ़ोत्तरी से बेहद क्षुब्ध है। उन्होंने आगे कहा कि आज मोदी-खट्टर सरकार कांग्रेस की ही लुटेरी उदारीकरण-निजीकरण की नीतियों को ही आगे बढ़ा रही है। असल में सभी चुनावी पार्टियों के झण्डे-नारे अलग दिखते हैं लेकिन सबकी नीतियाँ एक हैं। टाटा को एक नैनो कार पर 60 हजार रुपये की सब्सिडी मिलती थी, मोदी के चुनाव प्रचार का खर्च उठाने वाले गौतम अदानी को सरकार ने हजारों एकड़ जमीन 1 रुपये के हिसाब से दी है। साथ ही मोदी सरकार ने 5.90 लाख करोड़ की छूट बजट में धन्नासेठों को दे दी जबकि जनता की बुनियादी ज़रूरतों यानी शिक्षा, स्वास्थ्य पर बजट का मात्र 2 प्रतिशत खर्च होता है। खट्टर सरकार ने तो शिक्षा, खेल और कला के लिए बजट का मात्र 1.7 प्रतिशत ही तय किया है। उन्होंने आगे अपनी बात में सरकार पर सवाल उठाया कि क्या अब सरकारों का काम जनता से टैक्स वसूलना ही रह गया है? बिजली के मामले में मौजूदा सरकार जनता की मेहनत की कमाई से पाई-पाई निचोड़कर बिजली कम्पनियों से जुड़े पूँजीपतियों के वारे-न्यारे कर रही है। प्रदर्शन के बाद एसडीएम के माध्यम से सरकार को ज्ञापन सौंपा गया और खट्टर सरकार के इस जन-विरोधी कृत्य की कड़े शब्दों में निन्दा की गयी। सरकार से यह माँग की गयी कि वह अपने इस जन-विरोधी कदम को बिना शर्त वापस ले और सबको 24 घण्टे सस्ती बिजली मुहैया कराये। साथ ही मौजूदा बढ़े हुए बिलों में सुधार किया जाये, ‘फ्यूल चार्ज’ के नाम पर की जा रही धान्धली बन्द की जाये। व्यापक संख्या में शहर के लोगों खासकर महिलाओं ने प्रदर्शन में भागीदारी की।

 

मुक्तिकामी छात्रों-युवाओं का आह्वान,नवम्‍बर 2015-फरवरी 2016

नौजवान भारत सभा के बैनर तले आज बिजली के बढ़े हुए दामों के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया. शहर भर से आम आबादी …

Posted by नौजवान भारत सभा on Wednesday, October 14, 2015

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