Tag Archives: वोल्तेयर

उद्धरण

जब तक लोग अपनी स्वतन्त्रता का इस्तेमाल करने की ज़हमत नहीं उठाते, तब तक तानाशाहों का राज चलता रहेगा, क्योंकि तानाशाह सक्रिय और जोशीले होते है, और वे नींद में डूबे हुए लोगों को ज़ंजीरों में जकड़ने के लिए, ईश्वर, धर्म या किसी भी दूसरी चीज़ का सहारा लेने में नहीं हिचकेंगे।

उद्धरण

अपने समाज के प्रति आलोचनात्मक नज़रिया हमारे भीतर पैदायशी नहीं होता। हमारी जिन्दगी में कुछ ऐसे क्षण रहे होंगे (कोई महीना या कोई साल) जब कुछ प्रश्न हमारे सामने प्रस्तुत हुए होंगे, उन्होंने हमें चौंकाया होगा, जिसके बाद हमने अपनी चेतना में गहरे जड़ें जमा चुकी कुछ आस्थाओं पर सवाल उठाये होंगे – वे आस्थाएँ जो पारिवारिक पूर्वाग्रह, रूढ़िवादी शिक्षा, अख़बारों, रेडियो या टेलीविज़न के रास्ते हमारी चेतना में पैबस्त हुई थीं। इससे एक सीधा-सा निष्कर्ष यह निकलता है कि हम सभी के ऊपर एक महती जिम्मेदारी है कि हम लोगों के सामने ऐसी सूचनाएँ लेकर जायें जो उनके पास नहीं हैं, ऐसी सूचनाएँ जो उन्हें लम्बे समय से चले आ रहे अपने विचारों पर दोबारा सोचने के लिए विवश करने की क्षमता रखती हों।