अप्रैल-जून 2009

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पाठक मंच

अपनी ओर से

एक और चुनाव सम्पन्न लेकिन सवाल हमेशा की तरह बरकरार है!

शिक्षा जगत

दिल्ली विश्वविद्यालय में सेमेस्टर प्रणाली लागू / काजल

विशेष लेख

क्यों है ऐसा पाकिस्तान? / अभिनव

सामयिकी

मन्दी का मार से छिनते रोज़गार / श्‍वेता

यह आम जनता के प्रतिनिधियों का चुनाव है या कॉरपोरेट जगत की मैनेजिंग कमेटी का!? / योगेश

दिल्ली मेट्रो रेल के कामगारों का अपनी कानूनी माँगों के लिए संघर्ष / अजय

समाज

टाटा की काली करतूतें और उसकी नैनो / अजीत

स्कूल चले हम, स्कूल चले हम – नेता बनने!!! / विवेक

स्माइल पिंकी: मुस्कान छीनने और देने का सच / आशीष

विरासत

भारतीय भौतिकवादी परम्परा के आधुनिक चिन्तक और ‘सांस्कृतिक सेनापति’ राहुल सांकृत्यायन

गतिविधि बुलेटिन

शहीदे-आज़म भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरू के 78वें शहादत दिवस पर नौभास व दिशा का दो-दिवसीय कार्यक्रम

जनचेतना द्वारा क्रान्तिकारी, प्रगतिशील साहित्य की पुस्तक प्रदर्शनी

दिशा व नौभास द्वारा दिल्‍ली में पाँच दिवसीय ‘युवा रचनात्मकता शिविर’ का आयोजन

दिल्ली विश्वविद्यालय में नए सत्र की शुरुआत पर दिशा का 15–दिवसीय सहायता डेस्क

स्त्री मुक्ति लीग द्वारा स्त्री दिवस पर दिल्‍ली में जनसभा का आयोजन

देश के विभिन्न हिस्सों में चुनाव का भण्डाफ़ोड़ अभियान

सकर्मक विमर्श

पूँजीवाद का ढकोसला और डार्विन का सिद्धान्‍त / कुणाल

भगवा ब्रिगेड का फ़रमान वरुण गांधी की जुबान / शाम

माया कोडनानी और जयदीप पटेल की गिरफ्तारी और गुजरात नरसंहार पीड़ितों को इंसाफ़! / विवेक, दिल्‍ली

विश्‍व पटल पर

मज़दूरों द्वारा छात्रों को एक खुला खत

नेपाली क्रान्तिः महत्व और भविष्य / शिवानी

नयी कलम से

लखविन्दर की तीन कविताएँ

विविध

भगतसिंह ने कहा…

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