मार्च अप्रैल 2012

cover page_2012_03-04

मार्च अप्रैल 2012 का पूरा अंक डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें
अलग-अलग लेख पढने के लिए लेख के शीर्षक पर क्लिक करें

 

पाठक मंच

संपादकीय लेख

बजट 2012-13 – आम जनता की जेबें झाड़कर…….

समाज

श्री श्री रविशंकर और बाबागीरी का राजनीतिक अर्थशास्त्र / शिवानी

सामयिकी

नोनाडांगा के विस्थापितों का आन्दोलन और ममता की ”ममता” / सन्‍दीप

दबंग से बदरंग होते मतदाता / अजय स्‍वामी

अण्णा हज़ारे की महिमा बनाम संसद की गरिमा: तुमको क्या माँगता है? / प्रेम प्रकाश

सूचना प्रौद्योगिकी माध्यमों पर सरकार के सर्विलियंस का असली निशाना जनता है / सनी

बथानी टोला नरसंहार फैसलाः भारतीय न्याय व्यवस्था का असली चेहरा / नवीन

बीच बहस में

माकपा की बीसवीं कांग्रेस में पेश विचारधारात्‍मक प्रस्‍ताव – मज़दूर वर्ग से ग़द्दारी का गन्दा, नंगा और बेशर्म संशोधनवादी दस्तावेज़ / अभिनव

साहित्‍य

मार्क ट्वेन की दो छोटी कहानियाँ

कात्यायनी की कविताएँ

उद्धरण

गतिविधि बुलेटिन

‘पोलेमिक’ द्वारा मुम्बई में और ‘चिन्तन विचार मंच’ द्वारा पटना में ‘बीसवीं सदी के समाजवादी प्रयोग, पूँजीवादी पुनर्स्थापना और समाजवाद की समस्याएँ’ विषय पर व्याख्यान आयोजित 

दिल्ली में चुनाव का भण्डाफोड़ अभियान

भारतीय लोकतन्त्र और उसमें चुनाव की भूमिका पर चिन्तन विचार मंच, लखनऊ द्वारा परिसंवाद का आयोजन

शहीदेआज़म भगतसिंह के 81वें शहादत दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम

हरियाणा में शहादत दिवस अभियान तथा आरक्षण के प्रश्न पर क्रान्तिकारी प्रचार अभियान

सकर्मक विमर्श

बन्द गली की ओर बढ़ता विश्व पूँजीवाद / शाकम्‍भरी

'आह्वान' की सदस्‍यता लें!

 

ऑनलाइन भुगतान के अतिरिक्‍त आप सदस्‍यता राशि मनीआर्डर से भी भेज सकते हैं या सीधे बैंक खाते में जमा करा सकते हैं। मनीआर्डर के लिए पताः बी-100, मुकुन्द विहार, करावल नगर, दिल्ली बैंक खाते का विवरणः प्रति – muktikami chhatron ka aahwan Bank of Baroda, Badli New Delhi Saving Account 21360100010629 IFSC Code: BARB0TRDBAD

आर्थिक सहयोग भी करें!

 

दोस्तों, “आह्वान” सारे देश में चल रहे वैकल्पिक मीडिया के प्रयासों की एक कड़ी है। हम सत्ता प्रतिष्ठानों, फ़ण्डिंग एजेंसियों, पूँजीवादी घरानों एवं चुनावी राजनीतिक दलों से किसी भी रूप में आर्थिक सहयोग लेना घोर अनर्थकारी मानते हैं। हमारी दृढ़ मान्यता है कि जनता का वैकल्पिक मीडिया सिर्फ जन संसाधनों के बूते खड़ा किया जाना चाहिए। एक लम्बे समय से बिना किसी किस्म का समझौता किये “आह्वान” सतत प्रचारित-प्रकाशित हो रही है। आपको मालूम हो कि विगत कई अंकों से पत्रिका आर्थिक संकट का सामना कर रही है। ऐसे में “आह्वान” अपने तमाम पाठकों, सहयोगियों से सहयोग की अपेक्षा करती है। हम आप सभी सहयोगियों, शुभचिन्तकों से अपील करते हैं कि वे अपनी ओर से अधिकतम सम्भव आर्थिक सहयोग भेजकर परिवर्तन के इस हथियार को मज़बूती प्रदान करें। सदस्‍यता के अतिरिक्‍त आर्थिक सहयोग करने के लिए नीचे दिये गए Donate बटन पर क्लिक करें।